समाज में साहूकार उसे मानते हैं जो भौतिक संपदा से युक्त होता है वह रुपए पैसे लोगों में बैठता है तथा भी आज भी लेता है इसी तरह बैंक भी ऋण बांटते हैं कई बार साहूकार ऋण वापस के लिए आवंटित तरीकों का इस्तेमाल करते हैं बैंक भी कानूनी कार्रवाई कर ऋण लेने वाले की जमीन जायदाद तथा अन्य अचल संपत्ति ले लेते हैं इसे स्पष्ट होता है कि ऋण लेने वाला उसकी अध्याय या कि नहीं कर पाता तो उसके पास अपनी जो कुछ संपत्ति पहले से या पूर्वजों के जमाने से थी उसे भी उसे हाथ धोना पड़ता है
©Ek villain
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