अगर ये कह दो बग़ैर मेरे नही गुज़ारा तो मैं तुम्हारा
या उसपे मबनी कोई तासुर कोई इशारा तो मैं तुम्हारा
तुम अपनी शर्तों पे खेल खेलो, में जैसे चाहूँ लगाऊँ बाज़ी
अगर मैं जीता तो तुम हो मेरे अगर मैं हारा तो मैं तुम्हारा
ये किसपे तावीज़ कर रहे हो, ये किस को पाने के हैं वज़ीफ़े
तमाम छोड़ो जो बस एक कर लो इस्तेखारा तो मैं तुम्हारा