तबाह कर प्रकृति को, अच्छा जीवन चाहते हैं, मार कर इंसानियत को, खुद को धार्मिक मानते हैं, जिस तरह से कुछ इंसान, बट रहे हैं जमीन और जातियों में, क्या उस परम शक्ति ने ऐसे इंसान बनाए थे? - कल्पना ✍ ©KaLpAnA #Titliyaan Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto