कभी काम के बहाने  कभी फुर्सत  के बहाने  कभी खुशी क | हि

"कभी काम के बहाने  कभी फुर्सत  के बहाने  कभी खुशी के बहाने कभी  ग़म के बहाने कभी मुलाकात के बहाने कभी चर्चाओं के बहाने कभी के व्रत रखने बहाने कभी व्रत खोलने के बहाने कभी ब्रेकफास्ट के बहाने कभी लंच के बहाने कभी आलस के बहाने कभी  नींद के बहाने कभी चुस्ती लाने के बहाने कभी फुरफुरी भागाने के बहाने कभी पढ़ने के बहाने कभी लिखने  के बहाने कभी आधे कप के बहाने, कभी पूरे कप के बहाने कभी गिनती पूरी करने के बहाने,कभी गिनती भूल जाने के बहाने कभी मेहमान के बहाने कभी एकांत  के बहाने कभी मेहमान को टिकाने के बहाने  कभी मेहमान को टरकाने के बहाने कभी बरसात के बहाने कभी समोसे पकौड़ों के बहाने कभी के ठंडी बहाने कभी  गर्मी के बहाने कितने और बहाने, है कितने लोग दीवाने  सलीके है सबके अपने-अपने, तरीके है सबके अपने-अपने  जब-तब, जब मिल जाय तब, वक्त-बेवक्त , हर वक्त,  चाय पीते हैं, लोग जाने अनजाने अनमने मनमाने चाय के बिना किसी का मन ना माने ©Parul Sharma "

कभी काम के बहाने  कभी फुर्सत  के बहाने  कभी खुशी के बहाने कभी  ग़म के बहाने कभी मुलाकात के बहाने कभी चर्चाओं के बहाने कभी के व्रत रखने बहाने कभी व्रत खोलने के बहाने कभी ब्रेकफास्ट के बहाने कभी लंच के बहाने कभी आलस के बहाने कभी  नींद के बहाने कभी चुस्ती लाने के बहाने कभी फुरफुरी भागाने के बहाने कभी पढ़ने के बहाने कभी लिखने  के बहाने कभी आधे कप के बहाने, कभी पूरे कप के बहाने कभी गिनती पूरी करने के बहाने,कभी गिनती भूल जाने के बहाने कभी मेहमान के बहाने कभी एकांत  के बहाने कभी मेहमान को टिकाने के बहाने  कभी मेहमान को टरकाने के बहाने कभी बरसात के बहाने कभी समोसे पकौड़ों के बहाने कभी के ठंडी बहाने कभी  गर्मी के बहाने कितने और बहाने, है कितने लोग दीवाने  सलीके है सबके अपने-अपने, तरीके है सबके अपने-अपने  जब-तब, जब मिल जाय तब, वक्त-बेवक्त , हर वक्त,  चाय पीते हैं, लोग जाने अनजाने अनमने मनमाने चाय के बिना किसी का मन ना माने ©Parul Sharma

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