तन्हाई है वीराना है खामोशी है सन्नाटा है ये बस्ती | हिंदी Shayari

"तन्हाई है वीराना है खामोशी है सन्नाटा है ये बस्ती उजड़ चुकी है अब यहां कौन आता जाता है ©FAKIR SAAB(ek fakir)"

 तन्हाई है वीराना है
खामोशी है सन्नाटा है
ये बस्ती उजड़ चुकी है
अब यहां 
कौन आता जाता है

©FAKIR SAAB(ek fakir)

तन्हाई है वीराना है खामोशी है सन्नाटा है ये बस्ती उजड़ चुकी है अब यहां कौन आता जाता है ©FAKIR SAAB(ek fakir)

#Couple तन्हाई

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