White कलम आजाद है ये मेरी,
के कई रंग ये लिखेगी,
लिख रही है जो आज लुड्डो,
तो कल शतरंज ये लिखेगी,
जो लिखा सुकून-ए-अमन,
तो शांति भंग ये लिखेगी,
न बस करेगी तारीफ,
साथ तंज ये लिखेगी,
बयां किया है जो दिल्ली,
तो कासगंज ये लिखेगी,
लिख रही जो ये खुशियां,
तो वक्त-ए-रंज ये लिखेगी,
लिख रही है जो आज लुड्डो,
तो कल शतरंज ये लिखेगी,
कल शतरंज ये लिखेगी...
©Pankaj Pahwa
#Chess