दौडती-भागती जिंदगी से
एक पल का आराम चाहिए
मुझे भी एक रविवार चाहिए
पराठा रोटी दाल चावल
सब्जी तरकारी से निजाद चाहिए
मुझे भी एक रविवार चाहिए
किसी के दफ्तर का समय
किसी की स्कूल की दौड भाग
किसी के कपडों की
सिल्वटो से विराम चाहिए
मुझे भी एक रविवार चाहिए
माँ ,बेटी , पत्नी ,चाची बुआ
कई रिश्तो में जीती आई
अब मेरे वजूद का नाम चाहिए
मुझे भी एक रविवार चाहिए
©SakShi Chaudhary
#Twowords