उस के जुदा होने का लोगों में भला क्यूँ गम करूँ
दूरियाँ मजबूरियाँ फिर आँखें अब क्यूँ नम करूँ
हाल टूटे दिल का कब तक लोग सुनते हैं भला
रब से अब रहमत मिले, बातें दिल की कम करूँ
भूल जाता है ज़माना चार दिन के बाद सब
फिर भी जाने राह चलतों पे शुबह हरदम करूँ
ग़म के सहरा में सुलग कर ख़्वाहिशें जल जाएँगी
गर पड़े छीटे वफ़ा के उन का मैं वहम करूँ।
©SANAM.Raj
#Doobey