किसी की चाहत भी उतनी करो, जितनी उसे मिलने की उम्मी | हिंदी Shayari

"किसी की चाहत भी उतनी करो, जितनी उसे मिलने की उम्मीद हो, फिर वो चाहे नौकरी हो या मोहब्बत। ©gajendra kumar"

 किसी की चाहत भी उतनी करो,
जितनी उसे मिलने की उम्मीद हो,
फिर वो चाहे नौकरी हो या मोहब्बत।

©gajendra kumar

किसी की चाहत भी उतनी करो, जितनी उसे मिलने की उम्मीद हो, फिर वो चाहे नौकरी हो या मोहब्बत। ©gajendra kumar

#mohabbat #इश्क

#Nature

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