Truth सफेद रंग
शान्ति का प्रतिक ।
अपने अन्दर सभी
रंगो को समाहित
करने का रंग।
इन्सान , भले ही मन का
काला क्यूं नही हो
परंतु तन तो चहता है
सफेद ही।
ये जो , सफेदपोश होते हैं,
उनके ही हाथ
काले कारनामओं से
रंगे होते हैं ।
मानो तो काले काम की
लिबास है सफेद रंग।
बदनाम ना हो जाए
इसकी चिंता सताती है।
मगर दुसरे की
बदनामी समझ नही आती ।
मतलबपरस्ती की दुनियाँ में ,
उलझनें अनेक हैं,
सभी एक दुसरे को
इस्तेमाल की चीज़ समझते हैं ।
ऐसे मे कौन अपना है,
कौन पराया
कहना कठिन ।
कितने भी काले सफेद
में बदल दिये जाएँ
मगर अन्त मे गालियाँ
ही मिलती है।
खाने को
यारों , किसी को रुपये
दे दो।
मगर बुद्धि नही।
रजनीश रंजन
सफेद रंग