सब छोड़ देना ही सर्वश्रेष्ठ है
जीवन भर किया क्या है
सिर्फ पाने की ख्वाहिश
कभी किसी वस्तु को
कभी किसी व्यक्ति को
मिल जाने पर पुलकित हो जाना
न मिलने पर रूठ जाना
क्या जीवन पाने और खोने
की डोर के बीच मे उलझ कर रह जाएगा
हमारी महत्वाकांक्षा और मनोकामना
के बीच मे झूलता रहेगा
या कुछ और भी है जीवन।
©Poemaholic
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