कभी न मेरे मन को भाया, जब दुख मेरे ऊपर आया, मेरा द | हिंदी कविता Video

"कभी न मेरे मन को भाया, जब दुख मेरे ऊपर आया, मेरा दुख अपने ऊपर ले कोई मुझे बचाए! मैंने गाकर दुख अपनाए! कभी न मेरे मन को भाया, जब-जब मुझको गया रुलाया, कोई मेरी अश्रु धार में अपने अश्रु मिलाए! मैंने गाकर दुख अपनाए! पर न दबा यह इच्छा पाता, मृत्यु-सेज पर कोई आता, कहता सिर पर हाथ फिराता- ’ज्ञात मुझे है, दुख जीवन में तुमने बहुत उठाये! मैंने गाकर दुख अपनाए! ©Lekhni Ki Kalam Se "

कभी न मेरे मन को भाया, जब दुख मेरे ऊपर आया, मेरा दुख अपने ऊपर ले कोई मुझे बचाए! मैंने गाकर दुख अपनाए! कभी न मेरे मन को भाया, जब-जब मुझको गया रुलाया, कोई मेरी अश्रु धार में अपने अश्रु मिलाए! मैंने गाकर दुख अपनाए! पर न दबा यह इच्छा पाता, मृत्यु-सेज पर कोई आता, कहता सिर पर हाथ फिराता- ’ज्ञात मुझे है, दुख जीवन में तुमने बहुत उठाये! मैंने गाकर दुख अपनाए! ©Lekhni Ki Kalam Se

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