हो रार अगर मन में तन में
ना हो सुकून कोई जीवन में
राहें पथरीली हो जाए
और आंखें गीली हो जाए
तुम निश्चय कर ये ध्यान करो
मन में तुम ये अभिमान करो
तुम रुद्र की तरह गरजोगे
घनघोर मेघ से बरसोगे
फिर कोई बांध नहीं होगा
मन भी आज्ञान नहीं होगा
फिर विघ्न ना कोई आएगा
ना तुझको कोई डराएगा
तू मस्त मगन मदहोशी में
फिर जीवन सरल बनाएगा
©ललेश अजनबी,,,
#जीवन