White आज पहली बार तुम दफ्तर में नही थे,
तो एहसास हुआ,,
हमारा दफ्तर वाकई कितना बड़ा है,,,
तुम्हारे अलावा और भी कितने चेहरे है इस दफ्तर में,,
आज पहली बार तुम दफ्तर में नही थे
तो एहसास हुआ,,
तुम्हे सोचने के अलावा भी कितना कुछ है करने को,
तुम्हे देखने के बजाए काफी और भी चीज ए है जिनपे वक्त जाया किया जा सकता था,,
आज पहली बार लगा कितना लंबा वक्त है यहां काटने के लिए,,,
तुम्हारे जैसा तो नही, लेकिन और भी बहुत कुछ हैं जिससे दिल लगाया जा सकता था,,
आज पहली बार तुम दफ्तर में नही थे,
तो एहसास हुआ,,
तुम्हारी जगह पे तुम्हारे अलावा किसी और को देखने को आदत डाल लेनी चाहिए थी,,
तुम्हारे अलावा और लोगो से भी रिश्ता बना लेना चाहिए था,,
आज पहली बार तुम दफ्तर में नही थे,
तो एहसास हुआ,,
तुम्हारे अलावा घड़ी भी है, जो वक्त बता सकती हैं,,
किसी और कि बाते भी मुझे हंसा सकती है,,
आज पहली बार तुम दफ्तर में नही थे,
तो एहसास हुआ,
कि यह सारी बाते भी मुझे तसली देने के लिए काफी नही,
इतनी भीड़ भी मुझे अकेला कर सकती है।।
©muskan
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