❤हमदर्दी में लिपटी मुहब्बत❤ हमदर्दी में लिपटी हुई

"❤हमदर्दी में लिपटी मुहब्बत❤ हमदर्दी में लिपटी हुई मुहब्बत की कोई उम्र नहीं होती बेदिली से निकली हुई दुआ कुबूल ताउम्र नहीं होती। हो जाती है फ़ना अक्सर मुहब्बत वक्त की ज्यादती से मगर रूहानी मुहब्बत कभी दिल से फ़ना नहीं होती। मिल जाती है दौलत और शोहरत भी नसीब से अपने मगर माँगने से भी दौलत-ए-मुहब्बत नसीब नहीं होती। देनी पड़तीं हैं कुर्बानियां भी कई सुर्ख़रू बनने के लिए फ़कत खुदग़र्ज़ी से कभी इज्ज़त की कमाई नहीं होती। यकीनन होतीं हैं ताकत बहुत भरी हुईं जेबों में मगर भरी हुई जेबों से भी मुहब्बत की खरीदारी नहीं होती। बेशक मिलतीं हैं खुशियां छीनी हुई चीजों से कुछ पल मगर उन खुशियों की भी उम्र बहुत लंबी नहीं होती। माना होतीं है ख्वाहिशें भी मुख्तलिफ ज़िंदगी में हमारी महज़ चाहने से ही ख्वाहिशें कभी मुकम्मल नहीं होती। ❤❤प्रवीणा"

 ❤हमदर्दी में लिपटी मुहब्बत❤

हमदर्दी में लिपटी हुई मुहब्बत की कोई उम्र नहीं होती
बेदिली से निकली हुई दुआ कुबूल ताउम्र नहीं होती।

हो जाती है फ़ना अक्सर मुहब्बत वक्त की ज्यादती से
मगर रूहानी मुहब्बत कभी दिल से फ़ना नहीं होती।

मिल जाती है दौलत और शोहरत भी नसीब से अपने
मगर माँगने से भी दौलत-ए-मुहब्बत नसीब नहीं होती।

देनी पड़तीं हैं कुर्बानियां भी कई सुर्ख़रू बनने के लिए
फ़कत खुदग़र्ज़ी से कभी इज्ज़त की कमाई नहीं होती।

यकीनन होतीं हैं ताकत बहुत भरी हुईं जेबों में मगर
भरी हुई जेबों से भी मुहब्बत की खरीदारी नहीं होती।

बेशक मिलतीं हैं खुशियां छीनी हुई चीजों से कुछ पल
मगर उन खुशियों की भी उम्र बहुत लंबी नहीं होती।

माना होतीं है ख्वाहिशें भी मुख्तलिफ ज़िंदगी में हमारी
महज़ चाहने से ही ख्वाहिशें  कभी मुकम्मल नहीं होती।

❤❤प्रवीणा

❤हमदर्दी में लिपटी मुहब्बत❤ हमदर्दी में लिपटी हुई मुहब्बत की कोई उम्र नहीं होती बेदिली से निकली हुई दुआ कुबूल ताउम्र नहीं होती। हो जाती है फ़ना अक्सर मुहब्बत वक्त की ज्यादती से मगर रूहानी मुहब्बत कभी दिल से फ़ना नहीं होती। मिल जाती है दौलत और शोहरत भी नसीब से अपने मगर माँगने से भी दौलत-ए-मुहब्बत नसीब नहीं होती। देनी पड़तीं हैं कुर्बानियां भी कई सुर्ख़रू बनने के लिए फ़कत खुदग़र्ज़ी से कभी इज्ज़त की कमाई नहीं होती। यकीनन होतीं हैं ताकत बहुत भरी हुईं जेबों में मगर भरी हुई जेबों से भी मुहब्बत की खरीदारी नहीं होती। बेशक मिलतीं हैं खुशियां छीनी हुई चीजों से कुछ पल मगर उन खुशियों की भी उम्र बहुत लंबी नहीं होती। माना होतीं है ख्वाहिशें भी मुख्तलिफ ज़िंदगी में हमारी महज़ चाहने से ही ख्वाहिशें कभी मुकम्मल नहीं होती। ❤❤प्रवीणा

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