मशाले जल उठी है अब इंकलाब होगा लहरें भी बोल रही है | हिंदी कविता

"मशाले जल उठी है अब इंकलाब होगा लहरें भी बोल रही है अब सैलाब होगा टूट कर बिखर जायेगी जंजीरें कांच सी जब हर हाथों में कलम का समशीर होगा ©Suhas.jannat.90"

 मशाले जल उठी है अब इंकलाब होगा
लहरें भी बोल रही है अब सैलाब होगा
टूट कर बिखर जायेगी जंजीरें कांच सी
जब हर हाथों में कलम का समशीर होगा

©Suhas.jannat.90

मशाले जल उठी है अब इंकलाब होगा लहरें भी बोल रही है अब सैलाब होगा टूट कर बिखर जायेगी जंजीरें कांच सी जब हर हाथों में कलम का समशीर होगा ©Suhas.jannat.90

#pen

People who shared love close

More like this

Trending Topic