वो लड़का तेरे लायक नहीं था.
तू थी बड़े ख्वाब देखने वाली,
वो तुझे ही अपना ख्वाब समझता था,
तुझे देखना था दुनिया को और सभी को,
वो तुझे ही अपनी दुनिया समझता था,
वो तेरी नजरों में तेरा नायक नहीं था,
सही कहती हो तुम वो लड़का तेरे लायक नहीं था।।
महल का वादा नहीं करता था वो,
पर खुशियाँ उसके पास तेरे लिए अपार था,
दिल था उसका बहुत बड़ा जो महल भी दिला देता,
विश्वाश तो करती तू ही तो उसका सारा का सारा संसार थी,
तेरे लिए गुनगुनाता था गीत कोई गायक नहीं था वो,
और तुम सही कहती लड़का तुम्हारे लायक नहीं था वो।।
तुझे तकलीफ होने पर तेरा साया बन जाता था वो,
कुछ ना सही उसके पास बेसक,
पर बारिश में भीगने पर भी तेरा छाता बन जाता था वो,
इश्क़ करने वाले बहुत मिलेंगे तुझे ये मैं भी कहता हूँ,
पर उस जैसा ना मिलेगा कभी,
खुद तकलीफ में रहकर भी तेरी खातिर जोकर मुस्कुराता बन जाता था वो,
तेरे लिए वो था पर खुद की तकलीफ का भी सहायक नहीं था वो,
खैर तुम सही कहती हो लड़का तेरे लिए लायक नहीं था वो,
उसपर क्या गुज़री है वो आज सोचता है तो रोता बहुत है,
तुम एक बार सब छोड़कर उसको अपना समझकर उसका दुख तो देखती,
तुमने तो आखिरी में भी वही कीया रुलाया उसे बहुत है,
काश एक बार उसकी जगह खुद को रखकर देखती,
पर वो समझ गया था जाकर बाद में की तुम्हारे लायक नहीं था वो,
और तुम सही तो कहती हो लड़का तेरे लायक नहीं था वो।।
....वेद बैरागी~
#still