क्या लिखूं
क्या लिखूं क्या क्या लिखूं तू बता
गोलमोल लिख के निकल जाऊं
या तेरा नाम लेके तेरी बदनामी लिखूं!
होंठो से पिया आंखो का पानी लिखूं
जिसे चूमे एक अरसा हुआ तेरी वो पेशानी लिखूं!
बेशर्म होके बंद कमरे की कहानी लिखूं
पढ़ने वाले चटकारे ले सिर्फ जिस्मानी लिखूं
या जैसा था वो इश्क रुहानी लिखूं,,
या जैसा था वो इश्क रुहानी लिखूं!!
पन्ने में समाएगा नही हुस्न और इश्क तेरा,,
पन्ने में समाएगा नही हुस्न और इश्क तेरा
सोचता हू तुझ पर पूरी जिंदगानी लिखूं🤗🫣!!
©Ravi_writes
#कलम #प्यार_का_एहसास