पीले कागज के पन्नों से लिपटे गुलाब ....
भूरे पत्तों की साखों से ...उधड़े ये ख्वाब..
हवा की नमी भी दे रही है खिताब....
चलो खोल दो अब पुरानी किताब...
जहां तुम थी..में था और था सन्नाटा....
सांसों में कशिश थी.... बातों में जवाब....
आज आंखों में है सिर्फ नमी बाकी....
बेखबर दूर तलक तैरती उदासी....
ना वो तुम हो ... न वो में हूं...
न वो वादे .. न वो कसमें..
वो वादे... जो वादे ही रहे...
वो कसमें....जो कसमें ही रहीं....
अब तो बस एक वादा कर दो आखिरी....... इक मुस्कुराहट की देना हाजिरी ..... इक मुस्कुराहट की देना हाजिरी.....
©Amit Tiwari
#Kundan&Zoya #love #bewfa