जलियांवाला बाग
जलियांवाला बाग में लगा इंकलाब का नारा था
जो शहीद हुआ वो हिंदुस्तानी खून हमारा था
वो खुशियों का मेला ही सबका काल हो गया
बच्चे बूढ़े औरत के खून से मिट्टी लाल हो गया
मुश्किल की ये घडी थी आयी देश में साहब
लोगों का तो बद् से बद्तर हाल हो गया
गांधी नेहरू और सब के सब सन्न हो गए
जलियांवाला बाग से भगत सिंह उत्पन्न हो गए
निहत्थे पर वार किया ब्रिटिश कुते कायर ने
1650 गोलियां चलाई जनरल डायर ने
6 हफ्ते के बच्चे को भी उसने मारा था
ऐसा करके उसने वीरों को ललकारा था
खून सनी मिट्टी पर गिरने वाला आंसूं खारा था
जो शहीद हुआ वो हिंदस्तानी खून हमारा था
मणि कान्त कौशल
जलियांवाला बाग कविता