White जरा बरसात क्या हो गई, शहर सारा ही डूबा है, ज | हिंदी Poetry Vide

"White जरा बरसात क्या हो गई, शहर सारा ही डूबा है, जो बनते खादिम ए कस्बा, इनका ये क्या मनसूबा है, सड़क बंद है लगा है जाम, जनता होने लगी परेशान, भीगती आ रही कैसे, शहर भर की है ये आवाम, वो खुश महलों में हैं बैठे, उनके हैं बन रहे पकवान, यहां बोनी नहीं अब तक, होने को आ गई है शाम, जरा बरसात क्या हो गई, शहर सारा ही डूबा है, जो बनते खादिम ए कस्बा, इनका ये क्या मनसूबा है, शहर छोड़ा था जिनके आसरे, वो सब ही गायब हैं, काम कोई न करने के, बहाने भी अजायब हैं, जरा गर पूछ लो इनसे, साहब ट्रैफिक को हटवा दो, चालान पहला तुम्हारा है, पहले तुम उसको कटवा दो, जरा बरसात क्या हो गई, शहर सारा ही डूबा है, जो बनते खादिम ए कस्बा, इनका ये क्या मनसूबा है, सवारी के अचानक से, हो गए दुगने हैं अब दाम, जहां पे बीस लगते थे, न होगा सौ से कम में काम, लाचारी है तुम्हारी है, हुई अब जेब भारी है, गलत को सहते रहने की, ये हम सबको बीमारी है, जरा बरसात क्या हो गई, शहर सारा ही डूबा है, जो बनते खादिम ए कस्बा, इनका ये क्या मनसूबा है, ©Pankaj Pahwa "

White जरा बरसात क्या हो गई, शहर सारा ही डूबा है, जो बनते खादिम ए कस्बा, इनका ये क्या मनसूबा है, सड़क बंद है लगा है जाम, जनता होने लगी परेशान, भीगती आ रही कैसे, शहर भर की है ये आवाम, वो खुश महलों में हैं बैठे, उनके हैं बन रहे पकवान, यहां बोनी नहीं अब तक, होने को आ गई है शाम, जरा बरसात क्या हो गई, शहर सारा ही डूबा है, जो बनते खादिम ए कस्बा, इनका ये क्या मनसूबा है, शहर छोड़ा था जिनके आसरे, वो सब ही गायब हैं, काम कोई न करने के, बहाने भी अजायब हैं, जरा गर पूछ लो इनसे, साहब ट्रैफिक को हटवा दो, चालान पहला तुम्हारा है, पहले तुम उसको कटवा दो, जरा बरसात क्या हो गई, शहर सारा ही डूबा है, जो बनते खादिम ए कस्बा, इनका ये क्या मनसूबा है, सवारी के अचानक से, हो गए दुगने हैं अब दाम, जहां पे बीस लगते थे, न होगा सौ से कम में काम, लाचारी है तुम्हारी है, हुई अब जेब भारी है, गलत को सहते रहने की, ये हम सबको बीमारी है, जरा बरसात क्या हो गई, शहर सारा ही डूबा है, जो बनते खादिम ए कस्बा, इनका ये क्या मनसूबा है, ©Pankaj Pahwa

#बरसात

People who shared love close

More like this

Trending Topic