इन्सान की चाहत है की उड़ने को पर मिले, साहब और परिंदे सोचते है की रहने को घर मिले !! ©Sarfaraj idrishi #Thoughts इन्सान की चाहत है की उड़ने को पर मिले, साहब और परिंदे सोचते है की रहने को घर मिले !!RJ_Keshvi Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto