यामी ने यम को तिलक लगाकर वरदान कुछ ऐसा उसने पाया | हिंदी शायरी

"यामी ने यम को तिलक लगाकर वरदान कुछ ऐसा उसने पाया मौत से लड़कर उम्रभर का साथ और भाई का प्यार मांगा रीत चली हैं इसी दिन से बांधा जाता हैं अनमोल धागा रिश्ता है जिदंगी का सभी को सीखलता हैं सबको ऐसा वादा चाहे हों वो अधूरा करता हैं वो हमेशा पुरा रिश्ता अनमोल ईश्वर का देखने को कही नही मिलता खुश रहें "ज़ुबैर"ज़िंदगी हैं मेरी तरफ से दुआ लेखक - ज़ुबैर खान.... ©SZUBAIR KHAN KHAN"

 यामी ने यम को तिलक लगाकर
वरदान कुछ ऐसा उसने पाया

मौत   से  लड़कर उम्रभर का
साथ और भाई का प्यार मांगा

रीत चली हैं इसी दिन से
बांधा जाता हैं अनमोल धागा

रिश्ता है जिदंगी का सभी को
सीखलता हैं सबको ऐसा

वादा चाहे हों वो अधूरा
करता हैं वो हमेशा पुरा

रिश्ता अनमोल ईश्वर का
देखने को कही नही मिलता

खुश रहें "ज़ुबैर"ज़िंदगी
हैं मेरी तरफ से दुआ


लेखक - ज़ुबैर खान....

©SZUBAIR KHAN KHAN

यामी ने यम को तिलक लगाकर वरदान कुछ ऐसा उसने पाया मौत से लड़कर उम्रभर का साथ और भाई का प्यार मांगा रीत चली हैं इसी दिन से बांधा जाता हैं अनमोल धागा रिश्ता है जिदंगी का सभी को सीखलता हैं सबको ऐसा वादा चाहे हों वो अधूरा करता हैं वो हमेशा पुरा रिश्ता अनमोल ईश्वर का देखने को कही नही मिलता खुश रहें "ज़ुबैर"ज़िंदगी हैं मेरी तरफ से दुआ लेखक - ज़ुबैर खान.... ©SZUBAIR KHAN KHAN

writer -ZUBAIR KHAN

#Bhaidooj

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