White अधूरे इश्क़ का एक किस्सा लिखती हूँ.
मैं खुदकी जिंदगी का अहम् हिस्सा लिखती हूँ.
जब वो पास था ,सबकुछ खास था.
मैं खुला आकाश थी, मैं ही बारिश की पहली बूंद का एहसास थी.
मै खूबसूरत तलाश थी.
मुझमें कई रंग थे, मैं जीवन राग थी.
अनुराग थी.
एक दिन बादल मुझसे रूठ गये. सर्द हवाओ के साथ छूट गए.
अचानक फ़िर महसूस हुआ, जो दिल था मेरा टूट गया.
मन का दर्पण, करता प्रेम को सब समर्पण
हर मनो भाव का रिदय से नाता टूट गया. अब मैं तो हूँ, पर अब जीने वो अंदाज नहीं.
साज हैं आवाज़ हैं पर ,अनुराग नहीं....
©Shweta Tiwari
#Mere kisse Mai ...