ख्वाहिश है एक मन मे जगी जिसे दिल तक लेकर जाना है। | हिंदी Poetry

"ख्वाहिश है एक मन मे जगी जिसे दिल तक लेकर जाना है। फिका न पर जाए रंग उसका कृपा की पिचकारी से बार-बार उसे भिंगोना है। डरती हू ज़िम्मेदारियों के बोझ तले कहीं वो दम न तोड़ दे, पर सुना है उनसे जुड़ी हर ख्वाहिश की उम्र बड़ी लम्बी होती है। फलो से भरे पेड़ की नींव एक बीज पे ही तो टिकी होती है। मंज़िल मिलेगी ज़रूर इसका यकिन है मुझे। ख्वाहिश जगाई है तो रस्ता भी दिखाएगे ये मालूम है मुझे। प्राथना की डोरी मे इसे सिचना है एक ख्वाहिश जो आज मन मे है, उसे हकिकत बनते देखना है। ©Pooja Singh"

 ख्वाहिश है एक मन मे जगी
जिसे दिल तक लेकर जाना है। 
फिका न पर जाए रंग उसका
कृपा की पिचकारी से बार-बार उसे भिंगोना है। 
डरती हू ज़िम्मेदारियों के बोझ तले
कहीं वो दम न तोड़ दे, 
पर सुना है उनसे जुड़ी हर ख्वाहिश की उम्र बड़ी लम्बी होती है। 
फलो से भरे पेड़ की नींव एक बीज पे ही तो टिकी होती है। 
मंज़िल मिलेगी ज़रूर इसका यकिन है मुझे। 
ख्वाहिश जगाई है तो रस्ता भी दिखाएगे ये मालूम है मुझे। 
प्राथना की डोरी मे इसे सिचना है
एक ख्वाहिश जो आज मन मे है, 
उसे हकिकत बनते देखना है।

©Pooja Singh

ख्वाहिश है एक मन मे जगी जिसे दिल तक लेकर जाना है। फिका न पर जाए रंग उसका कृपा की पिचकारी से बार-बार उसे भिंगोना है। डरती हू ज़िम्मेदारियों के बोझ तले कहीं वो दम न तोड़ दे, पर सुना है उनसे जुड़ी हर ख्वाहिश की उम्र बड़ी लम्बी होती है। फलो से भरे पेड़ की नींव एक बीज पे ही तो टिकी होती है। मंज़िल मिलेगी ज़रूर इसका यकिन है मुझे। ख्वाहिश जगाई है तो रस्ता भी दिखाएगे ये मालूम है मुझे। प्राथना की डोरी मे इसे सिचना है एक ख्वाहिश जो आज मन मे है, उसे हकिकत बनते देखना है। ©Pooja Singh

#khwahish
#Love

People who shared love close

More like this

Trending Topic