सबकी अलग ही है कहानी सुरज की गर्मी याद दिलाती न | हिंदी Shayari

"सबकी अलग ही है कहानी सुरज की गर्मी याद दिलाती नानी नानी.... चाँद जैसी शीतल हमने खुदको मानी मम्मी कहती बिटिया हमरी लाडो रानी.... जी जी जी बादल की है रीत पुरानी छी छी छी बादल कहती बरसु पानी.... सुनकर दादी हमरी वानी कहती..बिटिया हो गयी बड़ी स्यानी..... हाँ हाँ हाँ धरती है सच मे दानी माँ के जैसे हम सबने धरती को मानी.... ना ना ना,..ना मै करती हूँ मनमानी दादाजी कहते बिटिया करती है नादानी.... देखो देखो जीवन है हवा और पानी सिखों सिखों शिक्षा है एक अमृत कहानी.... कल्पना चावला बनु यही हमने भी ठानी. पापा कहते देखो आ गई परीयों की नानी.... ©Laddu ki lekhani Er.S.P Yadav"

 सबकी अलग ही है कहानी
   सुरज की गर्मी याद दिलाती नानी नानी....
चाँद जैसी शीतल हमने खुदको मानी
    मम्मी कहती बिटिया हमरी लाडो रानी....

जी जी जी बादल की है रीत पुरानी
   छी छी छी बादल कहती बरसु पानी....
सुनकर दादी हमरी वानी
  कहती..बिटिया हो गयी बड़ी स्यानी.....

हाँ हाँ हाँ धरती है सच मे दानी
   माँ के जैसे हम सबने धरती को मानी....
ना ना ना,..ना मै करती हूँ मनमानी
    दादाजी कहते बिटिया करती है नादानी....

देखो देखो जीवन है हवा और पानी
     सिखों सिखों शिक्षा है एक अमृत कहानी....
     कल्पना चावला बनु यही हमने भी ठानी.   
     पापा कहते देखो आ गई परीयों की नानी....

©Laddu ki lekhani Er.S.P Yadav

सबकी अलग ही है कहानी सुरज की गर्मी याद दिलाती नानी नानी.... चाँद जैसी शीतल हमने खुदको मानी मम्मी कहती बिटिया हमरी लाडो रानी.... जी जी जी बादल की है रीत पुरानी छी छी छी बादल कहती बरसु पानी.... सुनकर दादी हमरी वानी कहती..बिटिया हो गयी बड़ी स्यानी..... हाँ हाँ हाँ धरती है सच मे दानी माँ के जैसे हम सबने धरती को मानी.... ना ना ना,..ना मै करती हूँ मनमानी दादाजी कहते बिटिया करती है नादानी.... देखो देखो जीवन है हवा और पानी सिखों सिखों शिक्षा है एक अमृत कहानी.... कल्पना चावला बनु यही हमने भी ठानी. पापा कहते देखो आ गई परीयों की नानी.... ©Laddu ki lekhani Er.S.P Yadav

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