भुलाई नहीं जाती वो आंखें जिनमे मेरा चेहरा रहता था। | हिंदी शायरी

"भुलाई नहीं जाती वो आंखें जिनमे मेरा चेहरा रहता था। अब......... सूनी पडी हैं वो राहे जिनमे कभी महबूब का पहरा रहता था।। ©AB Sharma"

 भुलाई नहीं जाती वो आंखें जिनमे मेरा चेहरा रहता था। 
अब.........
 सूनी पडी हैं वो राहे जिनमे कभी  महबूब का पहरा रहता था।।

©AB Sharma

भुलाई नहीं जाती वो आंखें जिनमे मेरा चेहरा रहता था। अब......... सूनी पडी हैं वो राहे जिनमे कभी महबूब का पहरा रहता था।। ©AB Sharma

#evening

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