निशानी ये कम थी की रोज नई यादे। फुल न

"निशानी ये कम थी की रोज नई यादे। फुल नही गुलदस्ता नही बागबान थी। नीर के शब्द ©नीर के शब्द"

 निशानी ये कम थी 
           की रोज नई यादे।

फुल नही गुलदस्ता नही
बागबान थी। 
नीर के शब्द

©नीर के शब्द

निशानी ये कम थी की रोज नई यादे। फुल नही गुलदस्ता नही बागबान थी। नीर के शब्द ©नीर के शब्द

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