"विपरीत दिशा जैसे मैं और तुम ....
जो किसी सरल सी बात पर भी
कभी एकमत नहीं रहे...
मेरा तुम्हारे जीवन में होना
तुम्हारे "व्यस्त" होने का कारण बना रहा
और
तुम्हारा मेरे जीवन में होना
मेरे "अस्त व्यस्त" होने का कारण बना रहा....
इसीलिए तो "विपरीत दिशा" के
उदाहरण के तौर पर हमें जाना जाता है...
किरण चोपड़ा 🖋
©Hiyan Chopda"