White प्रण ऐसा हम लेते हैं! "अमर'' स्मरण रहेगी, व | हिंदी कविता

"White प्रण ऐसा हम लेते हैं! "अमर'' स्मरण रहेगी, वीरों के बलिदानों की, नित्य जीयेंगे देशहित में, प्रण ऐसा हम लेते हैं। देश के वीर जवानों तुम, सीमा पर निश्चिन्त रहो, अब साक्ष्य नही मांगेगा कोई, प्रण ऐसा हम लेते हैं। सदा रही है सदा रहेगी, जन्मभूमि हमको प्यारी, अमिट है उपकार राष्ट्र की, प्रण ऐसा हम लेते हैं। भारतभूमि जग में न्यारी,अनुपम हैं संस्कार, विश्व मे हो विस्तार राष्ट्र की, प्रण ऐसा हम लेते हैं। सौगन्ध हमे है मातृभूमि की, शीश नही झुकने देंगे, दास रहेंगे निष्ठावान, प्रण ऐसा हम लेते हैं। सैनिक से सीमा में बल है, स्वाधीनता मनाएँगे, सदैव तिरंगा लहरायेंगे, प्रण ऐसा हम लेते हैं। ©Mahesh Kopa"

 White प्रण ऐसा हम लेते हैं!

"अमर'' स्मरण रहेगी, वीरों के बलिदानों की,
नित्य जीयेंगे देशहित में, प्रण ऐसा हम लेते हैं।

देश के वीर जवानों तुम, सीमा पर निश्चिन्त रहो,
अब साक्ष्य नही मांगेगा कोई, प्रण ऐसा हम लेते हैं।

सदा रही है सदा रहेगी, जन्मभूमि हमको प्यारी,
अमिट है उपकार राष्ट्र की, प्रण ऐसा हम लेते हैं।

भारतभूमि जग में न्यारी,अनुपम हैं संस्कार,
विश्व मे हो विस्तार राष्ट्र की, प्रण ऐसा हम लेते हैं।

सौगन्ध हमे है मातृभूमि की, शीश नही झुकने देंगे,
दास रहेंगे निष्ठावान, प्रण ऐसा हम लेते हैं।

सैनिक से सीमा में बल है, स्वाधीनता मनाएँगे,
सदैव तिरंगा लहरायेंगे, प्रण ऐसा हम लेते हैं।

©Mahesh Kopa

White प्रण ऐसा हम लेते हैं! "अमर'' स्मरण रहेगी, वीरों के बलिदानों की, नित्य जीयेंगे देशहित में, प्रण ऐसा हम लेते हैं। देश के वीर जवानों तुम, सीमा पर निश्चिन्त रहो, अब साक्ष्य नही मांगेगा कोई, प्रण ऐसा हम लेते हैं। सदा रही है सदा रहेगी, जन्मभूमि हमको प्यारी, अमिट है उपकार राष्ट्र की, प्रण ऐसा हम लेते हैं। भारतभूमि जग में न्यारी,अनुपम हैं संस्कार, विश्व मे हो विस्तार राष्ट्र की, प्रण ऐसा हम लेते हैं। सौगन्ध हमे है मातृभूमि की, शीश नही झुकने देंगे, दास रहेंगे निष्ठावान, प्रण ऐसा हम लेते हैं। सैनिक से सीमा में बल है, स्वाधीनता मनाएँगे, सदैव तिरंगा लहरायेंगे, प्रण ऐसा हम लेते हैं। ©Mahesh Kopa

#happy_independence_day

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