बहुत दुखी होने के कारण राजा समुंदर के किनारे गए और समुद्र में कूद गए। भगवान द्वारिकाधीश ने राजा अजमल को समुद्र में दर्शन दिए। श्रीकृष्ण ने स्वंय बलरामजी के साथ उनके घर अवतरित होने का वरदान दिया और कहा कि वह खुद भादवा की दूज के दिन राजा अजमल के घर पुत्र रूप में आएंगे।
राजा अजमल ने देखा, कि भगवान के सिर पर पट्टी बंधी है। राजा अजमल जी ने पूछा भगवान आपको यह चोट कैसे लगी। भगवान ने कहा, कि मुझे मेरे एक प्यारे भक्त ने लड्डू मारा। यह सुनकर राजा बहुत ही शर्मिंदा हुए अजमल ने भगवान से बोला, “मुझ अज्ञानी को कैसे पता होगा कि आप ही मेरे घर आए हैं ।”
©रामजी की बेटी
#GaneshChaturthi part 4