बेड़ियां बंदी , उसे तुम , टूट जाने दो ,
छोड़ के फिक्र दुनिया की , तुम सांस लिया करो ।
जी में आए वो , तुम सब कुछ किया करो
जो कहे कि धीरे चलो , औरत हो तुम ,
हे नारी तुम बस अपने हृदय की सुना करो ।
खूब दौड़ो , उड़ जाओ कही दूर चली जाओ ,
गर बेड़ियां बंदी हो तो उसे तुम टूट जाने दो ।।
©Rajal pungliya
हे नारी तुम अपनी मरजी से जिया करो..