"शिष्य से गुरु मिले
गुरु से मिले ना कोई |
जिनसे चारों धाम मिले
उनसे ही तुम दूर हो गए|
गुरु हैं ऐसे पूजनीय जो हर
गुर तुम्हें सिखाये|
अगर जो इनको पूजो
तो हर काम सफल हो जाए|
जाको राखे साइयां जब गुरु की दृष्टि होय
ग्रहण का भी नाश हो जाए जब इनका क्षेम मिल जाए|"