शक्ति का अर्थ तुम मां ।
साहस का पर्याय तुम मां ।।
सहनशीलता का अध्याय तुम मां ।
ममता का अभिप्राय तुम मां ।।
जब लौटुं कार्य से तो स्वत: हो जाता तेरा स्मरण ।
मन आ बैठना चाहता है तेरे सानिध्य में।
चाहे कर लु मैं कितना ही क्युं ना दिग भ्रमण।।
तुम्हारे इस अवतरण दिवस पर ।
शुभकामनाएं क्या दुं और क्या ना दुं ।
बस मेरा तुझको नमन मेरा तुझको नमन ।।
©"विभर्षी" रंजेश सिंह
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