मैं वो सख्स हूं जिसने जीतकर बाजी हारी है। तेरे इश | हिंदी Shayari

"मैं वो सख्स हूं जिसने जीतकर बाजी हारी है। तेरे इश्क से ज्यादा मुझको घर की इज्जत प्यारी है। करने को तो कर दूं मैं सबकुछ। लेकिन मेरे सर पर भी तो देखो जिम्मेदारी है। टूट गया हूं मैं डाली से उसका मेरा साथ नही है। वो मेरी है मैं उसका हूं बस एक जैसी जात नहीं है। लाँघने को तो लांघ दे घर की दीवारें भी। पर वो कहती है ये सब अच्छी बात नहीं है। तेरे बिना मैं रह ना सकूंगा। फिर भी संघर्षों में जिन्दगी जारी है। मैं वो सख्स हूं जिसने जीतकर बाजी हारी है। तेरे इश्क से ज्यादा मुझको घर की इज्जत प्यारी है। करने को तो कर दूं मैं सबकुछ। लेकिन मेरे सर पर भी तो देखो जिम्मेदारी है। ©Sandip rohilla"

 मैं वो सख्स हूं जिसने जीतकर बाजी हारी है।
 तेरे इश्क से ज्यादा मुझको घर की इज्जत प्यारी है।

करने को तो कर दूं मैं सबकुछ।
 लेकिन मेरे सर पर भी तो देखो जिम्मेदारी है।

टूट गया हूं मैं डाली से उसका मेरा साथ नही है।
 वो मेरी है मैं उसका हूं बस एक जैसी जात नहीं है।

लाँघने को तो लांघ दे घर की दीवारें भी। 
पर वो कहती है ये सब अच्छी बात नहीं है।

तेरे बिना मैं रह ना सकूंगा। 
फिर भी संघर्षों में जिन्दगी जारी है।

मैं वो सख्स हूं जिसने जीतकर बाजी हारी है।
 तेरे इश्क से ज्यादा मुझको घर की इज्जत प्यारी है।

करने को तो कर दूं मैं सबकुछ।
 लेकिन मेरे सर पर भी तो देखो जिम्मेदारी है।

©Sandip rohilla

मैं वो सख्स हूं जिसने जीतकर बाजी हारी है। तेरे इश्क से ज्यादा मुझको घर की इज्जत प्यारी है। करने को तो कर दूं मैं सबकुछ। लेकिन मेरे सर पर भी तो देखो जिम्मेदारी है। टूट गया हूं मैं डाली से उसका मेरा साथ नही है। वो मेरी है मैं उसका हूं बस एक जैसी जात नहीं है। लाँघने को तो लांघ दे घर की दीवारें भी। पर वो कहती है ये सब अच्छी बात नहीं है। तेरे बिना मैं रह ना सकूंगा। फिर भी संघर्षों में जिन्दगी जारी है। मैं वो सख्स हूं जिसने जीतकर बाजी हारी है। तेरे इश्क से ज्यादा मुझको घर की इज्जत प्यारी है। करने को तो कर दूं मैं सबकुछ। लेकिन मेरे सर पर भी तो देखो जिम्मेदारी है। ©Sandip rohilla

#sad_shayari PФФJД ЦDΞSHI #शून्य राणा @Arshad Siddiqui @Sherni @Mirza raj

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