ख़ैरियत जो वो पूछते थे , एक दौर वो पुराना था!
चाहत के सिलसिले का एक अलग ज़माना था!!
कि एक दौर आज है , वो चाहत एक राज़ है!
ख़ैरियत तो छोड़िए ज़नाब , वो इश्क़ आज किसी और के पास है !! 1
जब थी दावा-ए-इश्क़ की जरूरत ,तो वो बेहिसाब साथ थे!
दावा-ए-इश्क़ को लेते ही वो बोले आप जैसे हज़ार थे जो हमपे बीमार थे!!
©Aarav sharma
# Anjaan shaher
Aesa kon krta hai ??