ख्यालों में बसर मेरा किताबी शेर लिखता हूँ
फकीरों सा हुँ लेकिन नवाबी शेर लिखता हूँ
नशा मयखानो का हो तो नशा पल भर में उतरेगा
मेरी गजलों को पढ़ लो मै शराबी शेर लिखता हूँ
शहर रांची की बुलबुल भी मेरी गजलों मे चहकेगी
मोहब्बत मुल्क से है इंकलाबी शेर लिखता हूँ