मोहलतें चादरों में लपेटकर एक भी न दी मुहब्बत मेरे नसीब में नहीं, यादें फिर क्यों दिल में दी.. कहते कि इश्क की लिबास तो दिल ही है... अरे उसे पर भी परत दर परत कजली क्यों लगा दी...! ©Dev Rishi प्रेम कविता Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto