यू अक्सर भूल जाता हु मै वो शाम का मंजर ,याद आना त | हिंदी शायरी

"यू अक्सर भूल जाता हु मै वो शाम का मंजर ,याद आना तेरा यू रातों में इस कदर, मिले ह दिल बड़ी मुश्किल , मेरा भी बाग ये दिल का बहुत दिन से था यूं बंजर।DK ©DK"

 यू अक्सर भूल जाता हु मै वो शाम का  मंजर ,याद आना तेरा यू रातों में इस कदर,       मिले ह दिल बड़ी मुश्किल ,                    मेरा भी बाग ये दिल का बहुत दिन से था यूं बंजर।DK

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यू अक्सर भूल जाता हु मै वो शाम का मंजर ,याद आना तेरा यू रातों में इस कदर, मिले ह दिल बड़ी मुश्किल , मेरा भी बाग ये दिल का बहुत दिन से था यूं बंजर।DK ©DK

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