सीधा सा था मैं , तोडा मरोडा क्यों सीधा ही रहने देत | हिंदी शायरी

"सीधा सा था मैं , तोडा मरोडा क्यों सीधा ही रहने देते, किन्तु, दुषित थे _ स्वयं तुम, . . . और मुझे दुषित करने पर _ तुले थे तुम, क्या अच्छा होता, तुम भी महकते _ चमन की तरह, हम भी बरसते _ बादल की तरह, ले बैठेंगी सबको सबकी _ महत्वाकांक्षएं एक दिन, वैसे खानदान से लेकर राजदरबार तलक चलेंगें मुसलसल तेरे और मेरे बिन! [अरुण प्रधान] ©Arun pradhan"

 सीधा सा था मैं , तोडा मरोडा क्यों
सीधा ही रहने देते, 
किन्तु, दुषित थे _ स्वयं तुम, 
 . . . और मुझे दुषित करने पर _ तुले थे तुम, 

क्या अच्छा होता, तुम भी महकते  _ चमन की तरह, हम भी बरसते _ बादल की तरह, 
ले बैठेंगी सबको सबकी _ महत्वाकांक्षएं एक दिन, 
वैसे खानदान से लेकर राजदरबार तलक
चलेंगें मुसलसल तेरे और मेरे बिन! 
[अरुण प्रधान]

©Arun pradhan

सीधा सा था मैं , तोडा मरोडा क्यों सीधा ही रहने देते, किन्तु, दुषित थे _ स्वयं तुम, . . . और मुझे दुषित करने पर _ तुले थे तुम, क्या अच्छा होता, तुम भी महकते _ चमन की तरह, हम भी बरसते _ बादल की तरह, ले बैठेंगी सबको सबकी _ महत्वाकांक्षएं एक दिन, वैसे खानदान से लेकर राजदरबार तलक चलेंगें मुसलसल तेरे और मेरे बिन! [अरुण प्रधान] ©Arun pradhan

#Grayscale

People who shared love close

More like this

Trending Topic