बहुत गुरूर था छत को छत होने का -------- एक मंजिल औ | हिंदी विचार

"बहुत गुरूर था छत को छत होने का -------- एक मंजिल और बनी और छत फ़र्श हो गई --------"

 बहुत गुरूर था छत को छत होने का
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एक मंजिल और बनी और छत फ़र्श हो गई
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बहुत गुरूर था छत को छत होने का -------- एक मंजिल और बनी और छत फ़र्श हो गई --------

Don't get overconfidence #Motivation #MyThoughts #nojotohindi @Vallika Poet ओम भक्त मोहन, बनाम कलम मेवाड की @Namita @Dhananjay Kumar @Nilima Majumder

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