White **मेरी खुशी का आलम**
मत पूछो मेरी खुशी का आलम क्या था
अब फिर से मेरे हाथों में कागज कलम था !
जिस डायरी को कभी फाड़ दिया था मैंने
उसको फिर से किसी ने मेरे हाथों में दिया था !
लिखने का अब स्वरूप थोड़ा बदल चुका था
कागज कलम की जगह मोबाइल हाथों में था !
कलम की तरह उंगलियां चलने लगी स्क्रीन पर
लिखने वाला वो हुनर अब भी मुझमें मौजूद था !
वापिस मिल गया फिर से जीने का मक़सद मुझे
बीमार जिस्म फिर जीने की कोशिश करने लगा था !!
©Anjali Nigam
#Meri khushi.....