White **मेरी खुशी का आलम** मत पूछो मेरी खुशी का आ | हिंदी Shayari

"White **मेरी खुशी का आलम** मत पूछो मेरी खुशी का आलम क्या था अब फिर से मेरे हाथों में कागज कलम था ! जिस डायरी को कभी फाड़ दिया था मैंने उसको फिर से किसी ने मेरे हाथों में दिया था ! लिखने का अब स्वरूप थोड़ा बदल चुका था कागज कलम की जगह मोबाइल हाथों में था ! कलम की तरह उंगलियां चलने लगी स्क्रीन पर लिखने वाला वो हुनर अब भी मुझमें मौजूद था ! वापिस मिल गया फिर से जीने का मक़सद मुझे बीमार जिस्म फिर जीने की कोशिश करने लगा था !! ©Anjali Nigam"

 White **मेरी खुशी का आलम**

मत पूछो मेरी खुशी का आलम क्या था
अब फिर से मेरे हाथों में कागज कलम था !

जिस डायरी को कभी फाड़ दिया था मैंने
उसको फिर से किसी ने मेरे हाथों में दिया था !

लिखने का अब स्वरूप थोड़ा बदल चुका था
कागज कलम की जगह मोबाइल हाथों में था !

कलम की तरह उंगलियां चलने लगी स्क्रीन पर
लिखने वाला वो हुनर अब भी मुझमें मौजूद था !

वापिस मिल गया फिर से जीने का मक़सद मुझे
बीमार जिस्म फिर जीने की कोशिश करने लगा था !!

©Anjali Nigam

White **मेरी खुशी का आलम** मत पूछो मेरी खुशी का आलम क्या था अब फिर से मेरे हाथों में कागज कलम था ! जिस डायरी को कभी फाड़ दिया था मैंने उसको फिर से किसी ने मेरे हाथों में दिया था ! लिखने का अब स्वरूप थोड़ा बदल चुका था कागज कलम की जगह मोबाइल हाथों में था ! कलम की तरह उंगलियां चलने लगी स्क्रीन पर लिखने वाला वो हुनर अब भी मुझमें मौजूद था ! वापिस मिल गया फिर से जीने का मक़सद मुझे बीमार जिस्म फिर जीने की कोशिश करने लगा था !! ©Anjali Nigam

#Meri khushi.....

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