मुश्किलें जरुर हैं मगर ठहरा नहीं हूँ मैं, मंज़िल से | हिंदी शायरी

"मुश्किलें जरुर हैं मगर ठहरा नहीं हूँ मैं, मंज़िल से जरा कह दो अभी पहुंचा नहीं हूँ मैं। कदमो को बाँध न पाएगी मुसीबत की जंजीरें, रास्तों से जरा कह दो अभी भटका नहीं हूँ मैं। ©अभी कुछ बाकी हैं"

 मुश्किलें जरुर हैं मगर ठहरा नहीं हूँ मैं,
मंज़िल से जरा कह दो अभी पहुंचा नहीं हूँ मैं।

कदमो को बाँध न पाएगी मुसीबत की जंजीरें,
रास्तों से जरा कह दो अभी भटका नहीं हूँ मैं।

©अभी कुछ बाकी हैं

मुश्किलें जरुर हैं मगर ठहरा नहीं हूँ मैं, मंज़िल से जरा कह दो अभी पहुंचा नहीं हूँ मैं। कदमो को बाँध न पाएगी मुसीबत की जंजीरें, रास्तों से जरा कह दो अभी भटका नहीं हूँ मैं। ©अभी कुछ बाकी हैं

#hardtime

People who shared love close

More like this

Trending Topic