अमावस की रात में भी रोशनी फैल गयी , जब लफ्ज़ो से ते
"अमावस की रात में भी रोशनी फैल गयी ,
जब लफ्ज़ो से तेरी बात छिड़ गई,
खोने को तो कुछ नही है मेरे पास मगर
तुझे खोने के ख्याल से ये धड़कन बढ़ गयी,
जीने की कोई वजह नही थी मेरे पास मगर जब से तुझे देखा है जीने की एक वजह भी मिल गयी।"
अमावस की रात में भी रोशनी फैल गयी ,
जब लफ्ज़ो से तेरी बात छिड़ गई,
खोने को तो कुछ नही है मेरे पास मगर
तुझे खोने के ख्याल से ये धड़कन बढ़ गयी,
जीने की कोई वजह नही थी मेरे पास मगर जब से तुझे देखा है जीने की एक वजह भी मिल गयी।