प्रीत मेरी है सच्ची, नहीं इसमें कोई छल, बताऊं कैस | हिंदी Poetry

"प्रीत मेरी है सच्ची, नहीं इसमें कोई छल, बताऊं कैसे तुम्हे मैं, इसका नहीं कोई हल। लगन तुमसे लगा बैठे जो होगा देखा जायेगा ।। ©Heer"

 प्रीत मेरी है सच्ची,
 नहीं इसमें कोई छल,
बताऊं कैसे तुम्हे मैं,
 इसका नहीं कोई हल।

लगन तुमसे लगा बैठे
जो होगा देखा जायेगा ।।

©Heer

प्रीत मेरी है सच्ची, नहीं इसमें कोई छल, बताऊं कैसे तुम्हे मैं, इसका नहीं कोई हल। लगन तुमसे लगा बैठे जो होगा देखा जायेगा ।। ©Heer

#ramsita #Prem #पवित्रप्रेम #जय श्री राम

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