आजकल कुछ तबियत ठीक नहीं है मेरी
शायद किसी नई बीमारी का पैग़ाम है
और ये हवा भी कुछ बहकी सी है आज
शायद मेरी नई बीमारी से हैरान है
हैरत हूँ जनाब क्योकि
अब ये ओस की बूंदे भी कुछ कह रही हैं मुझे
वक्त की मार और कुछ अनकहे अल्फाज़ समझा रही हैं मुझे
- नेहा
कुछ अल्फ़ाज़