जागने के दिन थे जब मैंने खूब सोय। समय गंवा दिय | हिंदी विचार Video

" जागने के दिन थे जब मैंने खूब सोय। समय गंवा दिया मैंने अब पछताय और खूब रोय। ऐसे ही हर कोई पेड़ यहां बोय लगाया पेड़ बबूल का फिर आम कहां से होय। ©tikeshwar dhruw "

जागने के दिन थे जब मैंने खूब सोय। समय गंवा दिया मैंने अब पछताय और खूब रोय। ऐसे ही हर कोई पेड़ यहां बोय लगाया पेड़ बबूल का फिर आम कहां से होय। ©tikeshwar dhruw

#moonnight tkdhruw

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