राजनीति में बैठा हर वो नेता सोच रहा है अब देश में कौन सा मुद्दा उठाए
फिर सरहद पर चाहे हमारे जवान बेशक से अनगिनत मारे जाए
क्योंकि कमी हमारे देश में नही, इसकी बागडोर संभालने वाले हाथों में है
वरना यूं ही नहीं देश का हर 4 में से 1 नागरिक कुपोषण और भूखा है
फिर जिस देश में झेलम, सतलुज,गंगा और यमुना होते हुए भी
सोचो हमारा देश अभी सूखा है
गांव को शहरों से हमेशा कम समझाया जाता है
शहरों में ज्यादा और अच्छा अवसर पाया जाता है
झूठ, सब झूठ इन बातों से सिर्फ हमारा मन बहलाया जाता है
शिक्षा जो हर समाज को बेहतर करने के लिए पहला पड़ाव होती है
मुश्किलों की कड़ी धूप में भी बिना छत के छांव होती है
फिर चारों ओर सब कहते भी है की इसका विस्तार हो रहा है
झूठ, सब झूठ शिक्षा का सिर्फ़ और सिर्फ़ व्यापार बढ़ रहा है
देखकर भी अनदेखा यहां हर जुल्म किया जाता है
समाज में हर तरफ़ लोगों का ईमान बेचा जाता है
जात, बिरादरी, धर्म और मज़हब सबको बाटना बंद करो
और इस सियासत के नाम पर एक दूसरे के गले काटना बंद करो
लड़कियों को गंदी नज़र से देखना हमेशा गंदा होना चाहिए
बहन, बेटी और मां के नजरिए के अलावा अलग नजरिए से देखने वाला
हर वो शख्स अंधा होना चाहिए
और रेप जो बीमारी की तरह बढ़ रहा है इस कदर
उन सभी को मारने के लिए भी एक ऐसा धंधा होना चाहिए
कभी मस्जिद को तोड़ा जाए तो कभी मंदिर बनाया जाए
राजनीति में चाहे हो जो कुछ भी करना पड़े बस इनकी पूरी सीटे आए
धीरे धीरे यूं ही पूरा समाज हमारा गंदा हो जाएगा
इसीलिए खोल दो कानून के आंखो पर बंधी ये पट्टी
वरना हमेशा के लिए ये अंधा हो जाएगा
©Mr. Raj
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