हर जगह, हर तरफ, हर पहर
है अन्धेरा बेकरार ,
कर उजागर रोशनी होना नही गिरफतार।
मानता हूँ हो सकता है मुसकिल मगर
नामुमकिन तो नही।
चलता है तू पथ पे अपने कदम ,
और कोई तो चलता तो नही।
फिर देख सामने खङा अन्धेरा
है लेने को तुझको गिरफ्त मे बेकरार ,
कर उजागर रोशनी होना नही गिरफ्तार ।
©vikku ji
#lonely