आखिर कैसे तू इतनी बदल गई।
लगता है तुझे कोई और हवा लग गई।
हां, तेरी बातो से लगता है,
तुझे कोई और हवा लग गई है।
तेरी धड़कनों से लगता है,
तुझे कोई और बीमारी लग गई है।
तेरे इरादों से लगता है,
तुझे कोई और जीने की वजह मिल गई ।
थी जो तुझे चाहत कभी हमारी,
वक्त के साथ शायद वो भी बदल गई।
थी जो चाय तुझे पसंद,
अब वो काफी में बदल गई।
आखिर तू इतनी कैसे बदल गई।
लगता है तुझे कोई और हवा लग गई।
©Rohit Kahar
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